मगध की पावन धरती, भगवान बुद्ध और महावीर की पुण्य-स्थली को जोड़ने वाली हिसुआ, नगर के कोलाहल से दूर एकान्त, स्वच्छ एवं प्रकृक्ति के रमणीक वातावरण में नवादा-गया राजमार्ग पर स्थित टी० एस० कॉलेज, हिसुआ की स्थापना इस इलाके के प्रसिद्ध समाजसेवी मंझवे निवासी स्वर्गीय त्रिवेणी बाबू एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सत्यभामा देवी के नाम पर सन् 1970
में हुई। मगध विश्वविद्यालय की यह अंगीभूत इकाई विगत 54 वर्षों से शैक्षणिक, सांस्कृतिक, समभाव का अविरल संदेश देता आ रहा है। शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े इस ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा का प्रसार-प्रचार कर मगध वि० वि० में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण शिक्षा जगत में यह संस्थान अपना विशिष्ट स्थान रखता है।
इस महाविद्यालय में डिग्री (स्नातक) प्रतिष्ठा स्तर तक कला-विज्ञान-वाणिज्य में अध्ययन-अध्यापन की समुचित व्यवस्था है। साथ ही कला-संस्कृति, खेल, संगोष्ठी के विविध आयामों में कॉलेज के प्राध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के सहयोग से यह महाविद्यालय उत्तरोत्तर विकास की ओर अग्रसर है।